झोपडी में रहने वाला निम्बाराम कडवासरा अब भरेगा आसमान में उडान, | Nimbaram kadwasra| Jodhpur| Indian Airforce

राजस्थान के जोधपुर जिला मुख्यालय से 96 किलोमीटर दूर एक गांव है हरलाया। ओसियां पंचायत समिति के गांव हरलाया की एक झोपड़ी में रहने वाला निम्सेबाराम अब एयरमैन बन गया है | कामयाबी की यह ऊंची उड़ान इसी गाँव के एक गरीब बेटे निंबाराम कड़वासरा ने भरी है। पांच बहनों के इकलौते भाई निम्बाराम की माँ एक मनरेगा मजदूर है जिसकी हर सुबह इसी चिंता में बीतती है की आज शाम को रोटी का जुगाड़ कैसा होगा | इसी माँ के लाडले ने कुछ करने की ठानी और और अब आसमान में उड़ान भरेगा |

पिता की मौत हो जाने पर नौवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ने की नौबत आ गयी थी पर माँ ने हिम्मत जुटाई और निम्बाराम का हौसला बढ़ाया। नतीजा यह है कि निम्बाराम का भारतीय वायुसेना में चयन हो गया। वर्तमान में कर्नाटका के बेलगाम के सांबरा स्थित एयरमैन ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है

निम्बाराम कड़वासरा का भारतीय वायुसेना सेना के सितम्बर 2019 के बैच में 2620 में से 902वीं रैंक पर एयरफोर्स ग्रुप एक्स (तकनीकी) पद पर चयन हुआ है। बेलगाम में दिसम्बर 2020 तक बेसिक ट्रेनिंग होगी। उसके बाद चेन्नई में ट्रेड ट्रेनिंग होगी।फिर मिलेगी पोस्टिंग|
निम्बाराम कड़वासरा का परिवार गांव हरलाया के रूपाराम व कोजीदेवी के घर में वर्ष 2001 में निम्बाराम का जन्म हुआ। पांच बहनों के इकलौते भाई की चार बड़ी बहन शोभा, कमला, धापू, प्रमिला की शादी हो चुकी है। छोटी बहन रोशनी व निम्बाराम अविवाहित हैं। निम्बाराम कर्नाटका में ट्रेनिंग के लिए रवाना हुआ तो बहन ने तिलक लगाकर व राखी बांधकर रवाना किया। इस दौरान निम्बाराम की कामयाबी पर सबकी आंखें नम हो गई। निम्बाराम के घर पर दो छोटे से कमरे और झोपड़ी है। निम्बाराम का बचपन झोपड़ी में ही बीता।

सीकर आया आईआईटी की तैयार करने निम्बाराम ने दसवीं बोर्ड में 86 प्रतिशत और 12वीं बोर्ड में 90 प्रतिशत अंक हासिल किए। इसके बाद आईआईटी करने के लिए सीकर के एक कोचिंग में दाखिला लिया। इसी दौरान डिफेंस सर्विसेज की तैयारी करने लगा। इंडियन एयरफोर्स का फार्म भरा और कड़ी मेहतन की। 2019 में एयरफोर्स में चयन हो गया।
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